आरती संग्रह
ओम् जय जगदीश हरे – विष्णु आरती जो जीवन में लाती है स्थिरता, संतुलन और सुख-शांति
‘ओम् जय जगदीश हरे’ आरती हर घर, मंदिर और पूजा में सर्वाधिक लोकप्रिय है। यह संपूर्ण ब्रह्मांड के पालनहार विष्णु भगवान की स्तुति है।
यह आरती हर धार्मिक अनुष्ठान के अंत में गाई जाती है। भगवान विष्णु को पीला पुष्प, तुलसी पत्र और पंचामृत से स्नान कराने के बाद, दीप जलाकर आरती की जाती है। आरती की प्रत्येक पंक्ति में भक्त और भगवान के मध्य एक आत्मीय संवाद झलकता है।
इस आरती का प्रभाव इतना व्यापक है कि यह न सिर्फ वैदिक, बल्कि सामान्य जन-मानस में भी गहरी श्रद्धा उत्पन्न करती है। इस आरती से घर का वातावरण सकारात्मक बनता है और धन, संतोष तथा संतति में वृद्धि होती है।
यह आरती हर धार्मिक पर्व, एकादशी, विष्णु पूजा और संध्या वंदन में अनिवार्य रूप से शामिल होती है।