पूजा पाठ
सत्यनारायण व्रत कथा और पूजन विधि: श्रीहरि की कृपा से मिलता है सुख, शांति और समृद्धि
पूर्णिमा और गुरुवार को होता है सत्यनारायण व्रत का विशेष फल पूजा में कथा पाठ और प्रसाद का वितरण अनिवार्य
सत्यनारायण व्रत भगवान विष्णु के सत्य रूप की उपासना है। इस पूजन में भगवान की मूर्ति या चित्र के समक्ष पंचामृत, फल, पंचमेवा और तुलसी पत्र अर्पित कर पूजा की जाती है। सत्यनारायण व्रत कथा पांच अध्यायों में पढ़ी जाती है। पूजा के अंत में श्रीफल और हलुए का प्रसाद वितरित किया जाता है। यह पूजा किसी भी शुभ कार्य की सफलता, विवाह, संतान सुख और मनोकामना पूर्ति के लिए की जाती है।