डिजिटल डिटॉक्स: तकनीक से ब्रेक लेने का नया तरीका

डिजिटल डिटॉक्स भारत में एक नया लाइफस्टाइल ट्रेंड बन रहा है, जो मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर रहा है।

 

स्मार्टफोन और सोशल मीडिया के बढ़ते उपयोग ने लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाला है। एक अध्ययन के अनुसार, 70% भारतीय युवा दिन में 5 घंटे से अधिक समय स्क्रीन पर बिताते हैं, जिससे तनाव, चिंता और नींद की कमी जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं। डिजिटल डिटॉक्स, जिसमें लोग कुछ समय के लिए डिजिटल उपकरणों से दूरी बनाते हैं, अब लोकप्रिय हो रहा है। कई लोग वीकेंड पर फोन बंद करके प्रकृति के साथ समय बिताने, किताबें पढ़ने, या परिवार के साथ बातचीत करने को प्राथमिकता दे रहे हैं। भारत में गोवा, हिमाचल प्रदेश, और केरल जैसे स्थानों पर डिजिटल डिटॉक्स रिट्रीट्स की मांग बढ़ रही है। ये रिट्रीट्स योग, मेडिटेशन, और ऑफलाइन गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करते हैं। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि रोजाना 1-2 घंटे स्क्रीन-फ्री समय मानसिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकता है। हालांकि, डिजिटल डिटॉक्स को अपनाना शुरू में मुश्किल हो सकता है, लेकिन धीरे-धीरे इसे आदत बनाया जा सकता है।

 

 

Share on