दिल्ली

दिल्ली में भारी बारिश की चेतावनी और जलजमाव की समस्या

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने मंगलवार को दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र के लिए भारी बारिश की चेतावनी जारी की, जो मंगलवार रात से बुधवार दोपहर तक प्रभावी रही। मौसम विभाग के अनुसार, एक पश्चिमी विक्षोभ के कारण दिल्ली में मध्यम से भारी बारिश और 40-50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाओं की संभावना थी। 

 

मंगलवार रात से ही हल्की बारिश शुरू हो गई, जिसके कारण दिल्ली के निचले इलाकों, जैसे द्वारका, रोहिणी, और मायापुरी में जलजमाव की समस्या शुरू हो गई। पिछले 24 घंटों में दिल्ली में 28 मिमी बारिश दर्ज की गई, और तापमान 27 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया। तेज हवाओं के कारण कई जगहों पर पेड़ों की शाखाएँ टूट गईं, और बिजली के तार क्षतिग्रस्त होने से कुछ क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति बाधित रही। जलजमाव के कारण दिल्ली की प्रमुख सड़कों, जैसे रिंग रोड और जीटी करनाल रोड, पर यातायात धीमा हो गया, जिससे कार्यालय जाने वालों और दैनिक यात्रियों को भारी असुविधा हुई। दिल्ली नगर निगम पर नालियों की सफाई में लापरवाही का आरोप लगाते हुए स्थानीय लोगों ने सोशल मीडिया पर नाराजगी जताई। प्रशासन ने स्कूलों को बंद करने का आदेश नहीं दिया, लेकिन अभिभावकों से बच्चों को सुरक्षित रखने की अपील की। आपदा प्रबंधन विभाग ने निचले इलाकों में रहने वालों को सतर्क रहने की सलाह दी। इस मौसमी घटना ने दिल्ली में ड्रेनेज सिस्टम की खामियों और शहरी नियोजन की कमियों को फिर से उजागर किया।

घटना की तारीख और समय

29 अप्रैल 2025, रात 8:00 बजे से 30 अप्रैल 2025, दोपहर 12:00 बजे तक

घटना का स्थान

दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र

घटना में प्रभावित लोग या संपत्ति

हजारों लोग प्रभावित, सड़कों पर जलजमाव, बिजली आपूर्ति बाधित, पेड़ों की शाखाएँ टूटीं।

प्रशासन या अन्य अधिकारियों की प्रतिक्रिया

मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया। दिल्ली नगर निगम ने जलजमाव को हटाने के लिए पंप तैनात किए, और आपदा प्रबंधन विभाग ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने यातायात व्यवस्था को सुचारू करने के लिए अतिरिक्त कर्मचारियों को तैनात किया।

आगे की कार्यवाही या प्रभाव

प्रशासन ने ड्रेनेज सिस्टम को अपग्रेड करने और नालियों की नियमित सफाई की योजना बनाई है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों के लिए हल्की बारिश की संभावना जताई है। यह घटना दिल्ली में शहरी बुनियादी ढांचे की कमियों और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों पर बहस को तेज कर सकती है।

 

 

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