पूजा पाठ
श्रीमद्भागवत गीता: भगवान के प्रति आस्था और भक्ति का मार्ग
श्रीमद्भागवत गीता न केवल एक धार्मिक ग्रंथ है, बल्कि यह भक्ति और आस्था के मार्ग पर चलने की प्रेरणा भी देती है। गीता के श्लोकों में भगवान श्री कृष्ण ने भक्तों को यह सिखाया कि यदि हम पूरी श्रद्धा और भक्ति से भगवान के प्रति समर्पित होते हैं, तो जीवन के सारे कष्ट समाप्त हो सकते हैं।
श्रीमद्भागवत गीता हमें यह सिखाती है कि संसार के सभी कार्यों में भक्ति, प्रेम, और समर्पण को सबसे महत्वपूर्ण स्थान देना चाहिए। इसमें भगवान कृष्ण ने भक्ति योग, कर्म योग, और ज्ञान योग के माध्यम से जीवन को संतुलित और सही दिशा में चलने के उपाय बताए। गीता में जो शिक्षा दी गई है, वह न केवल जीवन के व्यावहारिक पहलुओं से संबंधित है, बल्कि यह हमारे आत्मिक उत्थान के लिए भी महत्वपूर्ण है।