झारखंड में भीषण गर्मी और जल संकट ने बढ़ाई मुश्किलें, ग्रामीण इलाकों में हालात गंभीर
मई 2025 में झारखंड के कई जिलों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच चुका है, जिससे आम जनजीवन प्रभावित हो रहा है। संथाल परगना और अन्य ग्रामीण क्षेत्रों में जल संकट गहराता जा रहा है, और लोग लंबी दूरी तक पानी लाने को मजबूर हैं।
झारखंड में इस वर्ष गर्मी ने समय से पहले ही अपना कहर बरपाना शुरू कर दिया है। मई के पहले सप्ताह में ही राज्य के अधिकांश हिस्सों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर पहुंच गया है। खासकर संथाल परगना, गिरिडीह, पलामू, और गढ़वा जिलों में भीषण लू और पानी की भारी किल्लत देखी जा रही है।
ग्रामीण इलाकों में हालात बेहद चिंताजनक बने हुए हैं। कई गांवों में हैंडपंप सूख चुके हैं और तालाबों का जल स्तर काफी नीचे चला गया है। लोगों को सुबह-सुबह या देर शाम एक-दो किलोमीटर दूर जाकर पीने का पानी लाना पड़ रहा है।
राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन ने जल संकट से निपटने के लिए आपातकालीन उपाय शुरू कर दिए हैं। जल टैंकरों के जरिए ग्रामीण इलाकों में पानी पहुंचाया जा रहा है, हैंडपंपों की मरम्मत की जा रही है और जल संरक्षण को लेकर जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है। लेकिन ये उपाय फिलहाल अपर्याप्त साबित हो रहे हैं क्योंकि संकट का दायरा व्यापक होता जा रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह जल संकट जलवायु परिवर्तन, अनियमित वर्षा, और जल प्रबंधन की विफलता का मिला-जुला परिणाम है। संथाल परगना जैसे क्षेत्रों में पिछले वर्षों की तुलना में इस बार औसत वर्षा काफी कम रही है, जिससे भूजल स्तर भी नीचे चला गया है।
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि आने वाले दिनों में तापमान और बढ़ सकता है, जिससे जल संकट और गहराने की आशंका है। उन्होंने लोगों को आवश्यक सावधानियां बरतने और अधिकाधिक जल संरक्षण की अपील की है।
इस स्थिति ने राज्य सरकार के लिए एक चुनौती खड़ी कर दी है। यदि समय रहते दीर्घकालिक जल प्रबंधन न किया गया, तो यह संकट भविष्य में और विकराल रूप ले सकता है।