मैनपुरी में 1981 के देहुली नरसंहार के तीन दोषियों को मृत्युदंड
विवरण: उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले में गुरुवार को एक विशेष अदालत ने 1981 के देहुली नरसंहार के तीन दोषियों को मृत्युदंड की सजा सुनाई। इस नरसंहार में 24 दलितों, जिनमें महिलाएँ और बच्चे शामिल थे, की हत्या कर दी गई थी। यह घटना 17 डकैतों के एक गिरोह द्वारा की गई थी, जो गाँववालों को पुलिस का मुखबिर मानते थे।
दोषी, जो अब 60 वर्ष की आयु के हैं, को 44 साल बाद सजा सुनाई गई। इस फैसले ने सामाजिक न्याय और दलित अधिकारों पर नई बहस छेड़ दी है। स्थानीय समुदाय और सामाजिक संगठनों ने इस फैसले का स्वागत किया, इसे ऐतिहासिक बताया। यह मामला उत्तर प्रदेश में जातिगत हिंसा और न्याय प्रणाली की चुनौतियों को दर्शाता है।
प्रभाव: यह फैसला सामाजिक न्याय की दिशा में एक बड़ा कदम है और दलित समुदाय में विश्वास बढ़ा सकता है। यह जातिगत हिंसा के खिलाफ सख्त कार्रवाई का संदेश देता है। हालांकि, यह पुराने घावों को फिर से खोल सकता है और सामाजिक तनाव को बढ़ा सकता है।
अपडेट: दोषियों ने शुक्रवार को सजा के खिलाफ अपील करने की घोषणा की।