राजस्थान सरकार ने काले भालू शिकार मामले में सैफ अली खान, तब्बू, नीलम और सोनाली बेंद्रे की बरी होने के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील दायर की
राजस्थान की राज्य सरकार ने एक पुरानी और विवादित कानूनी लड़ाई को फिर से गति दी है। 1998 में जोधपुर के कांकाणी गांव में हुए काले भालू शिकार मामले में बॉलीवुड के प्रसिद्ध अभिनेता सैफ अली खान, तब्बू, नीलम और सोनाली बेंद्रे को निचली अदालत द्वारा बरी किए जाने के फैसले के खिलाफ अब राजस्थान सरकार ने उच्च न्यायालय में अपील दायर कर दी है।
इस मामले में आरोप यह था कि उक्त कलाकारों ने वन्य जीव संरक्षण अधिनियम का उल्लंघन करते हुए एक संरक्षित प्रजाति के काले भालू का शिकार किया था, जो कानून के तहत पूरी तरह से प्रतिबंधित है। हालांकि, पहले की सुनवाई में अदालत ने कहा था कि इस बात के पुख्ता सबूत नहीं मिले कि ये अभिनेता इस शिकार में शामिल थे, इसलिए उन्हें बरी कर दिया गया। लेकिन सरकार का मानना है कि इस फैसले में कई अहम साक्ष्यों को नजरअंदाज किया गया है, और वन्यजीव संरक्षण के प्रति सख्ती दिखाने के लिए इस मामले में पुनर्विचार होना चाहिए। वन्यजीवों की सुरक्षा और कानूनी कड़ाई बनाए रखने के लिए यह अपील बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे भविष्य में ऐसे मामलों में कानून के दुरुपयोग को रोका जा सकेगा। अब इस अपील की सुनवाई 28 जुलाई 2025 को होने वाली है, जहां न्यायालय इस पूरे मामले की बारीकी से जांच करेगा। यह मामला न केवल राजस्थान बल्कि पूरे भारत में वन्यजीव संरक्षण कानूनों की मजबूती और उनके क्रियान्वयन पर एक बड़ा परीक्षण माना जा रहा है।