आरती संग्रह

शिव जी की आरती से मिलती है जीवन में स्थिरता, श्रावण मास में होती है विशेष पूजा

'जय शिव ओंकारा' आरती भगवान शिव की आराधना का अहम हिस्सा है। श्रावण मास में लाखों श्रद्धालु यह आरती गाकर शिव को प्रसन्न करते हैं। इससे जीवन में स्थिरता और संयम आता है।

 

भगवान शिव को 'कल्याणकारी' कहा गया है, और उनकी आरती जीवन में शांति और संतुलन लाने वाली मानी जाती है। आरती करते समय शिवलिंग पर जल, बेलपत्र, दूध और धतूरा अर्पित किया जाता है। आरती में डमरू, घंटा और शंख का स्वर वातावरण को आध्यात्मिक बना देता है। 'जय शिव ओंकारा' आरती गाते हुए भक्त शिव से मोक्ष, संयम और मानसिक शांति की कामना करते हैं। श्रावण मास में तो यह आरती विशेष रूप से मंदिरों में गूंजती है। शिव भक्तों का मानना है कि आरती से भगवान तुरंत प्रसन्न होते हैं और भक्तों की इच्छाएं पूर्ण करते हैं।

 

 

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